बारिश के मौसम में आपने अक्सर सुना होगा कि देखभाल कर खाना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि इस दौरान पेट खराब होने की संभावना बढ़ जाती है। आज हम बता रहे हैं पेट संबंधी समस्याओं के लिए आयुर्वेदिक घरेलू उपाय। |
क्या आप अक्सर कब्ज़, एसिडिटी, फूड पॉइज़निंग, मतली जैसी गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याओं से पीड़ित रहते हैं। तो फिर आपको बरसात के मौसम में अपनी सेहत का ज़्यादा ख्याल रखना चाहिए क्योंकि इस मौसम में बीमारियां की संभावना बढ़ जाती है। इस पर कई वैज्ञानिक अध्ययन हुए हैं कि कैसे हमारी आंत के अंदर अरबों सूक्ष्मजीव रहते हैं और वे हमारे स्वास्थ्य के विभिन्न पहलुओं को प्रभावित कर रहे हैं जिनके बारे में हमें पता भी नहीं होगा।
मानसून में, गर्मी या सर्दी की तुलना में आंत एंज़ाइम गतिविधि कम हो जाती है और यह पाचन की प्रक्रिया को प्रभावित करती है जिससे अपच और संबंधित समस्याएं हो सकती हैं। हालांकि, आयुर्वेद आपकी इन समस्याओं से बचाव कर सकता है। इसके अनुसार, इस मौसम में कई लोगों में वात और पित्त असंतुलन होता है, जिसे ठीक करने की आवश्यकता होती है।
इसके लिए किचन में मौजूद हींग, जीरा, सौंफ आदि जैसी कई ऐसी औषधियां हैं जो आपकी मदद तुरंत कर सकती हैं। तो आइए जानें कि बारिश के मौसम में पेट संबंधी दिक्कतें हो तो क्या करना चाहिए?
- खाना खाने के बाद आप मुंह के मज़े के लिए अक्सर सौंफ खाते होंगे। लेकिन क्या आप जानते हैं कि सौंफ पेट की सूजन को कम करने और एसिडिटी का कारण बनने वाले बैक्टीरिया को कम करने का काम भी करती है।
- पानी के साथ जीरा, इलायची और अजवाइन का सेवन उन लोगों के लिए बेस्ट रहता है, जो ब्लोटिंग, गैस और बदहजमी जैसी समस्याओं से जूझते हैं।
- साथ ही खाना खाने के बाद एक चम्मच अजवाइन को गर्म पानी में काले नमक के साथ चबाने से गैस के कारण होने वाला पेट दर्द तुरंत दूर हो जाता है।
- हिंग भी जल्द गैस से आराम दिलाने का काम करती है। इसलिए खाने को आसानी से पचाने के लिए बेहतर है कि सब्ज़ी पकाते वक्त इसमें हींग भी डाली जाए।
- अगर बच्चे को पेट में गैस और ब्लोटिंग परेशान कर रही है, तो उसकी नाभि के आसपास हींग का पेस्ट लगाया जा सकता है।
Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।