रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) के चैयरमैन और अरबपति मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) ने लगातार दूसरे साल भी सैलरी के रूप में एक भी पैसा नहीं लिया है। पिछले वित्त वर्ष से उन्होंने अपनी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज से कोई वेतन नहीं लिया है। अपनी नवीनतम वार्षिक रिपोर्ट में रिलायंस ने कहा है कि कि वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए अंबानी का पारिश्रमिक 'शून्य' था।
कोरोना महामारी के प्रसार के बाद व्यापार और अर्थव्यवस्था को होने वाले नुकसान को देखते हुए मुकेश अंबानी ने स्वेच्छा से अपना वेतन छोड़ दिया है। उन्होंने 2020-21 और 2021-22 के लिए कोई सैलरी (Mukesh Ambani Nil Salary) नहीं ली है। इन दोनों वर्षों में मुकेश अंबानी ने अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक के रूप में अपनी भूमिका के लिए रिलायंस से कोई ही भत्ता, लाभ, कमीशन या शेयर नहीं हासिल किया है। इससे पहले कंपनी के खर्चों में कमी लाने और दूसरे लोगों के लिए एक अच्छा उदाहरण स्थापित करने की मंशा से मुकेश अंबानी ने 2008-09 से अपने वेतन को 15 करोड़ रुपये तक सीमित कर दिया था। 2019-20 तक उन्होंने सैलरी के रूप में 15 करोड़ रुपये ही लिए। यानी 11 वर्षों तक उनकी सैलरी एक जैसी रही।
कितनी है नीता अंबानी की कमाई
मुकेश अंबानी की पत्नी नीता, जो कंपनी के बोर्ड में गैर-कार्यकारी निदेशक हैं, उनको बैठक में भाग लेने के लिए 5 लाख रुपये के अलावा 2 करोड़ रुपये का कमीशन मिला। पिछले साल उन्हें 8 लाख रुपये सिटिंग फीस और 1.65 करोड़ रुपये कमीशन मिला था। मुकेश अंबानी के चचेरे भाई निखिल और हिताल मेसवानी का वेतन 24 करोड़ रुपये है, लेकिन इस बार इसमें 17.28 करोड़ रुपये का कमीशन भी शामिल था।
नीता अंबानी (Nita Ambani) के अलावा अन्य गैर-कार्यकारी निदेशकों में दीपक सी जैन, रघुनाथ ए माशेलकर, आदिल जैनुलभाई, रामिंदर सिंह गुजराल, शुमीत बनर्जी, एसबीआई की पूर्व अध्यक्ष अरुंधति भट्टाचार्य और पूर्व सीवीसी केवी चौधरी शामिल हैं। सभी स्वतंत्र निदेशकों को 2 करोड़ रुपये का कमीशन मिला।