नई दिल्ली: राष्ट्रपति के रूप में कार्यकाल खत्म होने के बाद रामनाथ कोविंद (ex-president Ramnath Kovind) सोमवार को लुटियन दिल्ली के बंगले में चले गए, जहां वह आजीवन रहेंगे. उन्हें ढाई लाख रुपये की मासिक पेंशन मिलेगी. कोविंद एक निजी सचिव, एक अपर निजी सचिव, एक निजी सहायक, दो चपरासी, और कार्यालय खर्च के तौर पर प्रति वर्ष एक लाख रुपये तक के हकदार हैं. राष्ट्रपति का वेतन और पेंशन अधिनियम, 1951 के अनुसार राष्ट्रपति को सेवानिवृत्त के बाद मुफ्त चिकित्सीय परिचर्या और उपचार की सुविधा मिलती है और भारत में कहीं भी एक व्यक्ति के साथ वायुयान, रेल या स्टीमर द्वारा उच्चतम श्रेणी की यात्रा के वह हकदार होते हैं. भारत के राष्ट्रपति को हर महीने पांच लाख रुपये मिलते हैं.अधिनियम के अनुसार, कोई पूर्व राष्ट्रपति, जो अपने कार्यकाल की समाप्ति के बाद या इस्तीफा देकर पद छोड़ देता है, उसे अपने शेष जीवन के लिए प्रति माह राष्ट्रपति के वेतन के 50 प्रतिशत की दर से पेंशन मिलती है
कोविंद, निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार टाइप-8 बंगला के हकदार हैं और उन्हें 12-जनपथ का बंगला आवंटित किया गया है, जहां लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के प्रमुख रामविलास पासवान रहते थे. पासवान के निधन के बाद उनके बेटे चिराग पासवान उस बंगले में रह रहे थे, लेकिन इस साल मार्च में इसे खाली करा लिया गया था. पूर्व राष्ट्रपति कोविंद के बंगले के पड़ोस में कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी होंगी, जो 10 जनपथ में रहती हैं.साल 1951 के अधिनियम के अनुसार, सेवानिवृत्त राष्ट्रपति अपने शेष जीवन के लिए किराए के भुगतान के बिना एक सुसज्जित आवास (इसके रखरखाव सहित), दो टेलीफोन (जिनमें से एक इंटरनेट और ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी के लिए), राष्ट्रीय रोमिंग सुविधा वाला एक मोबाइल फोन और एक कार, या कार लेने के लिए भत्ता के हकदार होंगे.
इस मायने में रहा ‘विशेष’ कानून के मुताबिक, यदि राष्ट्रपति की मृत्यु हो जाती है या इस्तीफा देते हैं अथवा कार्यकाल पूरा हो जाता है तो राष्ट्रपति के जीवनसाथी शेष जीवन के लिये उस पेंशन के, जो सेवानिवृत्त राष्ट्रपति को मिलती है, 50 प्रतिशत की दर से पारिवारिक पेंशन के हकदार होंगे. राष्ट्रपति के जीवनसाथी भी अपने शेष जीवन के लिए नि:शुल्क चिकित्सा देखभाल और उपचार के हकदार होते हैं. ऐसे जीवनसाथी लाइसेंस शुल्क के भुगतान के बिना सुसज्जित आवास (इसके रखरखाव सहित) के उपयोग के हकदार होंगे. वह एक निजी सचिव और एक चपरासी के साथ सचिवीय कर्मचारी और प्रति वर्ष 20,000 रुपये तक के कार्यालय खर्च के भी हकदार हैं.