Heart Disease: सुबह का नाश्ता दिन का महत्वपूर्ण भोजन होता है। इसे स्किप करने से सेहत पर बुरा असर पड़ता है। लंबे समय तक ब्रेकफास्ट स्किप यानी नाश्ता न करने से बीमार होने का खतरा बढ़ जाता है। वहीं, दिन की शुरुआत हेल्दी ब्रेकफास्ट करने से मेटाबॉलिज़्म फ़ास्ट हो जाता है। नाश्ते में जिन चीजों को आप शामिल करते हैं। उसका मानसिक और शारीरिक सेहत से गहरा संबंध रहता है। इसके लिए ब्रेकफास्ट में ताजे फल, दूध, हरी सब्जियों की सूप, सलाद, अंडे आदि चीजों को शामिल करें। हालांकि, ह्रदय संबंधी बीमारियों से पीड़ित लोगों को सुबह के नाश्ते पर पैनी नजर रखनी चाहिए। रोजाना सुबह में जागने के एक घंटे के अंदर नाश्ता जरूर कर लें। वहीं, डाइट में फैट रिच फूड्स का सेवन कम से कम करें। इसके अलावा, तली भुनी चीजों का भी कम सेवन करें। अगर आप भी ह्रदय संबंधी बीमारियों से पीड़ित हैं, तो सेहतमंद रहने के लिए नाश्ते में इन चीजों का सेवन जरूर करें। आइए जानते हैं-
ओट्स का सेवन करें
ओट्स में फाइबर और ओमेगा-3 फैटी एसिड पाया जाता है। हृदय के लिए ओमेगा-3 फैटी एसिड और बीटा ग्लूकन फायदेमंद होता है। इससे हृदय संबंधी बीमारियों का खतरा कम होता है। इसके अलावा, फाइबर के चलते क्रेविंग की समस्या से निजात मिलता है। रोजाना ओट्स के सेवन से कोलेस्ट्रॉल लेवल कंट्रोल में रहता है। इसके लिए रोजाना नाश्ते में ओट्स का सेवन कर सकते हैं।
एवोकाडो खाएं
साल 2022 की एक शोध की मानें तो दिन में दो बार एवोकाडो खाने से हृदय संबंधी बीमारियों का खतरा 16 फीसदी कम हो जाता है। आसान शब्दों में कहें तो उन लोगों को हृदय संबंधी बीमारियों का खतरा कम रहता है, जो रोजाना बार एवोकाडो का सेवन करते हैं। इसमें विटामिन-ई, एंटी ऑक्सिडेंट, बीटा-सिटोस्टीरॉल, एंटी- इन्फ्लेमेटरी, कैरोटिनोइड्स और मोनो अनसैचुरेटेड फैटी एसिड समेत कई आवश्यक तत्व पाए जाते हैं, जो ह्रदय संबंधी बीमारियों में फायदेमंद होते हैं।
एक एवोकाडो में 96 कैलोरी, 6 ग्राम मोनो अनसैचुरेटेड फैटी एसिड और 4 ग्राम फाइबर पाया जाता है। ये सभी आवश्यक पोषक तत्व बढ़ते कोलेस्ट्रॉल लेवल को कंट्रोल करने में मददगार साबित होते हैं। इससे हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा कम हो जाता है। इसके अलावा, नाश्ते में अंडे, दलिया और केले समेत प्रोटीन रिच फ़ूड का सेवन कर सकते हैं।
डिस्क्लेमर: स्टोरी के टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लें। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।